सवेरा मेरे लिए सिलसिलेवार कामों की कड़ियों के ताने-बाने से बुना रहता है।  शायद ये ही हर माँ का रूटीन होता हो।  अकसर ही अलार्म से पहले उठना और नींद से जूझते हुए दिन की दौड़ में रम जाना मेरी सुबह है......... बच्चों  के स्कूल की तयारी, नाश्ता, सुबह की चाय.. जो घर के हर सदस्य की पर्सनलाइज्ड है , पति का टिफ़िन , लंच,  सभी सदस्यों की दिन को चलायमान करने वाले कितने ही अनगिनत काम, और साथ में कभी न नोटिस किया जाने वाला घर का अनवरत मेंटेनेंस कार्य।  मेरी सुबह बड़ी फुर्ती से भागती है और  बिना मेरे गौर फरमाए ही दोपहार से जा मिलती है... अपने और अपनी काम वाली बाई के तमाम कामों को सुपरवाइज़ करते करते  दिन का आधा वक्त बीत जाता है। जब कुछ पल फुरसत के निकाल कर बैठती हुँ तो खुद के लिए सोचती हुँ, इस भागम-भाग में मेरा वक्त कहाँ है? यहाँ तक कि सुबह की कसरत या सैर का तो मौका ही नहीं होता। रोज़ बैठ कर इंटरनेट पे बेस्ट वर्कआउट विडिओ देखती हूँ.... ढूंढ ढूंढ कर निकलती हुँ वो वर्कआउट जो कम वक़्त में ज्यादा फायदा दें... 5  minute पावर वर्कआउट, 2  मिनट यूनिक एक्सरसाइज़..... ऐसे कितने ही रिजल्ट्स ढूंढ कर देखती हूँ मगर वो 2-5 मिनट भी निकलना मुश्किल होता है।  चाहे जितनी कोशिश कर लूँ वक़्त काम ही पड़ता है ऊपर से घर के लोग ये कह कर मुझे हंसी में टाल देते है कि  'दिन भर  फ्री  हो तब कर लेना.... काम ही क्या है तुम्हे.... और वैसे भी ये 2 - 5  मिनट  के वर्कआउट से कुछ नहीं  होता ......... ' सोचती हुँ  कोई तो तरीका होगा की मैं भी हेअल्थी वर्कआउट कर सकूँ।  अपने वक़्त में... अपने तरीके से,,,,
पुनश्च :- क्या आपने भी ऐसे सोचा है और किसी  मार्गदर्शन की ज़रूरत महसूस की है..... वो मार्गदर्शन हैं  हम,,,,,  बिजी दिन में भी आपकी हेल्थ का ख्याल रखने में आपकी मदद करने के लिये.......
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