एक औरत के लिए मायके जाना वैसा ही है जैसा सरहद पर तैनात फ़ौजी के लिए छुट्टियों में घर जाना। बस ऐसी ही बेहिसाब खुशी के साथ मैं अपना सूटकेस तैयार कर रही थी। मैंने सब के लिए तोहफ़े रखे... भाई की शर्ट, भाभी की चूड़ियाँ, बहन की जींस और छोटे भतीजे के खिलौने। बस माँ पापा के लिए क्या लूँ... समझ ही नहीं आया। माँ पापा की पसंद नापसंद पर कभी ज्यादा ध्यान ही नहीं गया। जब समझना शुरू किया तब से सिर्फ उनकी ज़रूरतें ही जानी हैं। अब तो उनसे होने वाली बातों में भी बसउनकी बिमारीयों और दवाओं का ही जिक्र होता है। सच अब माँ पापा अकसर बीमार ही रहतें हैं। इन्हीं विचारों के जुगनुओं के बीच यकायक एक बिजली सा विचार कौंधा.... क्यों न माँ पापा को सेहत और फिटनेस का तोहफा दूँ।
पुनश्च :- सेहत से बढकर कोई तोहफा नहीं। अपने अपनों को स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी और सही मार्गदर्शन दें। ऑनलाइन परामर्श और समाधान सुविधाएं के साथ हम आपकी सेवा में तत्पर हैं।
WE CAN HELP. Physical therapy and geriatric rehabilitation services
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