HEALTHY MOM..... FOR MOMS...BY MOMS... OF MOMS....
अपनी ख़ुशी कब तक टालोगे????????
पुराने तजुर्बों की नयी उम्मीदें पूछ रहीं हैं,
खुद से प्यार कब जताओगे ?????
दूसरों की परवाह में खोकार , ये बताओ,
अपनी परवाह कब करोगे??????
ख़याल न आये, रूठ के छुप जाये,
तो खींच के ले आओ,
बड़ी मुद्दत के बाद ही सही,
ज़रा खुद को भी सर चढ़ाओ,
अपनी नयी उड़ान में हवा से बातें कर लो,
छोटी ख्वाहिशों की बड़ी ख़ुशियों से अपना पिटारा भर लो
जिंदगी में रंग भर लो,
बरसने दो खुद पे प्यार.......
आज एक advertisement में ये बेहद मनमोहक कविता सुनी तो रहा नहीं गया... सोचा बातों से बात निकलेगी और इस कविता की पंक्तियों से किस्से।सही ही तो है... चेहरे की झुर्रियों से आईना यही सवाल करता है ये निशान वक्त के हैं या तेरी बेकदरी के। दूसरों की देखभाल में घुलते हम खुद अपनी फ़िक्र करना भूल जाते हैं। मगर अब खुद को सरचढ़ाने का वक़्त है... कुछ सुधरने कुछ बिगड़ने का वक़्त है। आओ खुद को सवारें, फिर मिलें उस कमसिन खुद से। चलो फिर से जान डाल दें उन खेलों में जो अधूरे छूट गए थे...... फिर बन जाएँ वो जवाँ। आखिर अपनी ख़ुशी ही तो सब आँखों में झलकेगी। खुद को नज़रअंदाज़ कर के औरों को कैसे अहम बना सकेंगें।
पुनश्च : - आईये अब खुद के लिए थोड़ा सोचें.... कुछ अपनी बातों पे गौर करें..... आखिर जिस परिवार के लिए हम खुद को झोंके जाते हैं , उसकी हस्ती हम से ही तो है। हम.... माँ, बीवी, भाभी, बहन....... यहाँ तक की किसी घर की कामवाली बाई भी.... हम औरतें ही तो हैं जो सब को एक सूत्र में बांध कर सुचारु रूप से चला रहीं हैं। चाहे वो घर हो या बहार। हम वो नीव है जिस पर हमारे अपनों के सपनो के महल खड़े हैं और ये नव कमज़ोर नहीं हो सकती। आइये खुद को शसक्त बनाये.... अपने स्वास्थ्य , और रूप को सवारें। HEALTHY MOM हमारा एक प्रयास है हम औरतों का..... औरतों के द्वारा... औरतों के लिए..... जो आपके लिए हर वो सर्विस लाया है जिसकी आपको ज़रूरत है.....
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HEALTHY MOM.....
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