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Showing posts from April, 2018
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जिंदगी धरती की ही तरह गोल है और निरंतर गोल घुमती रहती है । यूँ लगता है  हम इंसान धुरी हैं और जिंदगी हम पर खुद को दोहरती रहती है । आज की कहानी... माया की कहानी । माया का परिचय मैंं क्या दूँ.... माया हम में ही कोई है...बहुत साधारण मगर अपने आप में असाधारण.... । माया की जिंदगी का एक किरदार... नीरा। नीरा माया के लिए बहुत कुछ थी... दोस्त भी और एक नाज़ुक से रिश्ते बंधी एक ऐसी शक्शियत जो दिल लुभाती भी थी और दिल दुखाती भी थी। वक्त के एक दौर में माया की हर बात, हर कदम पर जटिल विष्लेशण करने वाली नीरा के लिए माया की भावनाएं काफी संकुचित थीं। माया और नीरा दोनों ही एक दूसरे में दोस्त तो ढ़ूढते थे मगर रिश्तेदारी का चशमा आडे़ आ जाता।  कुल मिलाकर धूप छाँव सा माया और नीरा का रिश्ता कभी दोस्ती की गहराई छूता, तो कभी गिले शिकवों की कशमकश से जूझती। माया बस हालात के अंतर को सोच कर रह जाती। मगर जिंदगी फिर गोल घुमी और इस बार नीरा के वक्त ने करवट बदली। हालात उसी गली में जिंदगी को ले आए जिस गली में कभी माया खड़ी थी। अब माया और नीरा की मुलाकात कुछ अलग थी। हर वक्त माया के साथ खिटपिट करने वाली नीर...
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एक समय की बात है एक टापू था जहाँ सभी भावनाएं एक साथ रहते थे: खुशी, उदासी, ज्ञान, और प्रेम सहित अन्य सभी भावनाएं। एक दिन उस द्वीप घोषणा की गई कि यह टापू डूब जाएगा. इसलिए सभी ने नावों की व्यवस्था की  और उस जगह को छोड़ने का फैसला किया. सिवाए “प्यार” के. “प्यार” रुकना चाहता था. वह अंतिम संभव पल तक डटा रहना चाहता था। द्वीप डूबना शुरू ह गया. और जब वह लगभग डूब चूका था तो “प्यार” ने सोचा कि: अब मुझे भी यहाँ से निकलना चाहये. उसने देखा कि समृद्धि एक भव्य नाव बैठा में पास से गुजर रहा है. प्यार ने उसे पुकारा: “समृद्धि, क्या तुम मुझे अपने साथ ले जा सकते हो?” समृद्धि ने उत्तर दिया: नहीं, मैं तुम्हें नहीं लेजा सकता हूँ, मेरी नाव में बहुत ज्यादा सोना और चांदी हैं. यहां तुम्हारे लिए जगह नहीं प्यार ने “घमंड” से पूछा जो की एक नाव में अकेला बैठा जारहा था: क्या तुम मेरी मदद कर सकते हो? उसने उत्तर दिया: नहीं, मैं तम्हें नहीं लेजा सकता, तुम मेरी नाव को गिला कर दोगे. जिस से मेरा नुकसान हो सकती है. “उदासी” को “प्यार” से बहुत लगाव था, तो “प्यार” ने उससे भी मदद मांगी: “उदासी” Pleases तुम मुझे अपने...
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One in three women is thought to experience some form of pelvic floor dysfunction Though a general fitness regime is good for you, one form of exercise is particularly beneficial in helping improve bladder and bowel control - pelvic floor muscle exercises.  Strengthening your pelvic floor muscles will help you actively support your bladder and bowel. This improves bladder and bowel control and can reduce or stop leakage of urine and bowel motions. Like other muscles, the pelvic floor muscles become stronger with a regular exercise program. Pelvic floor muscle exercises are important for both men and women.                         The benefits of pelvic floor muscle exercises Pelvic floor muscle exercises can help with: Improving yourcontrol over bladder and bowel function Reducing the risk of prolapse ('sagging' of internal organs) Better recovery from childbirth and surgery (in women) Better recove...
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THE STORY OF AN EAGLE The Eagle has the longest life-span of its species. It can live up to 70 years. But to reach this age, the eagle must make a very difficult decision! In its 40th year, the eagle’s long and flexible Talons can no longer grab a prey which serves as food. Its long and sharp beak becomes bent. Its old-aged and heavy wings, due to their thick feathers, stick to its chest and make it difficult to fly. Then, the eagle is left with only two options: DIE or go through a painful  process of change! This process lasts for 150 days (5 months) the process requires the eagle to fly to a mountain top and sit on its nest. There the eagle knocks its beak against a rock until it plucks it out. Then the eagle will wait for the new beak to grow back after which it will pluck out its talons. When its talons grow back, the eagle starts plucking its old aged feathers. And after this the eagle takes its famous flight of rebirth and LIVES for 30 more years!! Why is change...
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छत्रपति शिवाजी के समय में नियम होता था कि सायं सात बजे के बाद किले के दरवाजे बंद हो जाते थे । फिर अंदर कोई नहीं आ सकता था । किले में रहने वाली एक मां एक दिन खेत में गई,  उसे लौटने में देर हो गई, बाद में आई तो देखा कि दरवाजा बंद था । उसने दरबान से प्रार्थना की कि घर में उसका एक साल का छोटा बच्चा है, दरवाजा खोल दिया जाए । पर दरबान ने कहा,  यह नियम हम तोड़ नहीं सकते । मां उन्हें निवेदन करती रही लेकिन उन्होंने दरवाजा नहीं खोला । ( उसे अपना छोटा बच्चा भूख से तड़पते हुए, आंखों के सामने रोता हुआ नजर आ रहा था । ) वह किले के पीछे गई और दीवार चढ़ना प्रारंभ किया । उसके हाथ और पांव छिला गए, तकलीफ बहुत हुई उसको परंतु किले को पार कर बेटे के पास पहुंच गई । शिवाजी महाराज के पास यह समाचार पहुंचा । उन्होंने उस महिला को बुलवाया और उससे कहा, तुझे राजदंड से डर नही लगा । मां ने कहा, मैं अपने बच्चे के प्यार में किले पर चढ़ गई । मेरा बच्चा भुखा था, मुझे कैसे भी अपने बच्चे तक पहुंचना था । इसका क्या परिणाम होगा यह मैंने नहीं सोचा । शिवाजी महाराज उसकी इस निडरता को देखकर उससे बहुत ही प्रभाव...
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एक कामयाब इंसान ने एक इंटरव्यू में कुछ अहम सवालों के जवाब कुछ इस तरह दिए सवाल: आपकी सफलता का राज़ क्या है? जवाब: दो शब्द- सही फैसले। सवाल: आपने सही फैसले करना कैसे सीखा? जवाब: एक शब्द- अनुभव। सवाल: आपने अनुभव कैसे हासिल किया? जवाब: दो शब्द- गलत फैसले। जिंदगी आसान नहीं और इसके फैसले उससे भी मुश्किल।  ज़रूरी नहीं हमारा लिया हर फैसला सही हो मगर हर गलत फैसला असफलता नहीं होता। जिंदगी के असली सबक हमारे लिए गलत फैसलों में होते हैं। यूँ तो जीवन हर दम में कोई न कोई सबक दे रहा होता है पर कुछ सबक लाइफ चेंजिंग होते हैं.... ऐसी ही एक छोटी कहानी वेदिका की उसकी की जुबानी.....जो हमारी हैलदी मॉम की सरविसेज ले रही है कुछ सम़य से.......और साझा करना चाहती थी कि कैसे खुद को दरकिनार करके अपनी हैलथ से खिलवाड किया और नतीजा 32 की उमर मे ही 4्5-50 के बाद होने वाली समसयाओ को बुलावा दिया कभी कभी जिंदगी कुछ ऐसे चैलेंज देती है जो न हम ले सकते है और न नकार सकते हैं... ये वो सबक होते हैं जो सब बदल देते हैं। ऐसा ही एक सबक मुझे जिंदगी ने तब दिया जब मेरा परिवार मुझे अगले बच्चे के लिए ज़...
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एक बार एक प्रोफेसर ने क्लास में आ कर कुछ चीज़ें टेबल पर रखीं।  उनमे में से था कांच का खाली मर्तबान।  फिर उसमे डालीं छोटी गेंदें और क्लास से पूछा की क्या ये मर्तबान भर गया? क्लास का जवाब था "हाँ"  फिर प्रोफेसर ने उस मर्तबान में छोटे कंकड़ डाले  और मर्तबान को थोड़ा हिलाया।  कंकड़ों ने गेंदों के बीच की खाली जगह ले ली  और क्लास से पूछा की क्या ये मर्तबान भर गया? क्लास का जवाब था "हाँ"  उसके बाद प्रोफेसर ने मर्तबान में रेत डाली जिसने मर्तबान की सारी खाली जगह को भर दिया।  तब  क्लास से पूछा की क्या ये  मर्तबान भर गया? क्लास का जवाब था "हाँ" और अंत में प्रोफेसर ने बियर की दो बोतलें उठायी और मर्तबान में उड़ेल दी  तब  क्लास से पूछा की क्या ये  मर्तबान भर गया? क्लास का जवाब था "हाँ" ये कहानी कुछ जानी पहचानी लगी होगी आपको।  इंटरनेट पर ये कहानी बड़ी वायरल हुई और इस कहानी का सबक जो है "जीवन की प्राथमिकताएँ" वो एक प्रेरणात्मक विचार के रूप में उबरा।  जो लोग इस कहानी से अनजान है उनके लिए बता ...
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मेरा ये सिरदर्द किसी पुरानी याद सा हो गया है... कम्बख़त बार बार लौट कर आ जाता है। और कुछ यूँ जकड़ता है मुझे कि लाचार सा कर देता है। ये सिलसिला काफ़ी  पुराना है.... मास्टर्स  कर रही थी, तब से पीछे पड़ा है मेरे और किसी चिपकू आशिक़ की तरह हर दूसरी राह पे आ टकराता है। नीम हकीम दवा दुआ मन्नत अर्जी डाक्टर और हर सुझाया गया घरेलू नुस्खा भी मैंने अपना कर देख लिया... मगर ये सिरदर्द मुझसे बिछडने को तैयार ही नहीं है। कभी रातें सोने नहीं देता तो कभी सुबह बिस्तर से उठने नहीं देता... कभी अकेला आता है और कभी संग लाता है कुछ और साथी.... मैं परेशान हूँ इस दर्द से, छिप कर बैठी रहना चाहती हूँ... न ये मुझे ढूंढ सके और न मुझे इसका सामना करना पड़े... कभी सोचती हूँ है क्या ये दर्द... सब कहते हैं माइग्रेन है... मगर मज़े की बात है कि माइग्रेन का इलाज काम नहीं करता मुझपे... न जाने इलाज़ में कमी रह जाती है या मर्ज़ ही कुछ और है... पुनश्च : - हर इंसान जो लम्बे समय से सिरदर्द से जूझ रहा है वो यकीनन बहुत परेशान होगा... ये भी सोचता होगा की ये कैसा दर्द है जो जाता ही नहीं।  ऐसे में ये समझ...
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ऑटिजम बच्चे की कहानी उसकि जुबानि - मुशकिल शुरुआत जिंदगी की मेरा नाम inaya है, और मेरा आज हैप्पी बर्थडे है । मम्मी ने याद कराया है कि अब मैं आठ साल कि हूँ और क्लास दो में पड़ती हूँ । आज मैंने एक नया शब्द सीखा है , “आत्मकथा” – इसका मतलब होता है अपनी लाइफ कि कहानी । मुझे कहानी सुनना बहुत अच्छा लगता है । मम्मी सुनाती है ऐलिस कि कहानी , जिसकी दुनिया और बच्चों कि दुनिया से अलग हैं – जादू कि दुनिया ! लेकिन वो वहाँ सपनो में जाती है । किसी से कहना नहीं , यह एक सीक्रेट है । और मेरी कहानी .. वो कोई सीक्रेट नहीं, सुनोगे मेरी कहानी। मैं जब छोटी सी थी तब मेरा सर बहुत बड़ा था । मम्मी और पापा बहुत परेशान थे क्यूंकि मैं चलती नहीं थी बस एक जगह बैठी रहती थी । डॉक्टर ने बताया मेरे दिमाग में बहुत सारा पानी है और मुझे ठीक करने के लिए ऑपरेशन करना पड़ेगा । डॉक्टर ने जब मम्मी से पूछा कि मैं उनका पहला बच्चा हूँ तो मम्मी रोने लगी । मम्मी क्यों रोने लगी ? मेरी वजह से ना । मैं भी तो रोऊँगी अगर मुझे टूटा खिलौना दोगे । ऑपरेशन के बाद मम्मी पापा बहुत खुश थे । मुझमे अचानक से बहुत बदलाव आ रहे थे । मैंने घुटने घुटने ...