जिंदगी धरती की ही तरह गोल है और निरंतर गोल घुमती रहती है । यूँ लगता है हम इंसान धुरी हैं और जिंदगी हम पर खुद को दोहरती रहती है । आज की कहानी... माया की कहानी । माया का परिचय मैंं क्या दूँ.... माया हम में ही कोई है...बहुत साधारण मगर अपने आप में असाधारण.... । माया की जिंदगी का एक किरदार... नीरा। नीरा माया के लिए बहुत कुछ थी... दोस्त भी और एक नाज़ुक से रिश्ते बंधी एक ऐसी शक्शियत जो दिल लुभाती भी थी और दिल दुखाती भी थी। वक्त के एक दौर में माया की हर बात, हर कदम पर जटिल विष्लेशण करने वाली नीरा के लिए माया की भावनाएं काफी संकुचित थीं। माया और नीरा दोनों ही एक दूसरे में दोस्त तो ढ़ूढते थे मगर रिश्तेदारी का चशमा आडे़ आ जाता। कुल मिलाकर धूप छाँव सा माया और नीरा का रिश्ता कभी दोस्ती की गहराई छूता, तो कभी गिले शिकवों की कशमकश से जूझती। माया बस हालात के अंतर को सोच कर रह जाती। मगर जिंदगी फिर गोल घुमी और इस बार नीरा के वक्त ने करवट बदली। हालात उसी गली में जिंदगी को ले आए जिस गली में कभी माया खड़ी थी। अब माया और नीरा की मुलाकात कुछ अलग थी। हर वक्त माया के साथ खिटपिट करने वाली नीर...